Commodity Markets: कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी, जानिए कैसी है नेचुरल गैस की चाल
IEA का कहना है कि कच्चे तेल का स्टॉक जून 2021 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर है। चीन इस महीने कड़े COVID-19 प्रतिबंधों में ढील दे रहा है, बीजिंग तीन साल में पहली बार बॉर्डर को फिर से खोल रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि चीन के फिर से खुलने से डिमांड की संभावनाओं को सपोर्ट मिल रहा है
MoneyControl News | अपडेटेड Jan 27, 2023 पर 12:46 PM
चीन में मांग बढ़ने की उम्मीद से कच्चे तेल के भा��� को सपोर्ट मिल रहा है। अमेरिका के मजबूत आंकड़ो से भाव को सपोर्ट मिल रहा है।
लगातार दूसरे दिन ब्रेंट का भाव चढ़ा है । एक दिन में ब्रेंट 1.5% से ज्यादा चढ़ा है जबकि आज 88 डॉलर के करीब ब्रेंट कारोबार कर रहा है। WTI क्रूड में लगातार तीसरे दिन तेजी देखने को मिल रही है। 81 डॉलर के ऊपर आज WTI में कारोबार कर रहा है। इस बीच MCX पर क्रूड में करीब 2 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है। और यह 6600 के करीब कारोबार कर रहा है।
क्रूड में तेजी की वजह
चीन में मांग बढ़ने की उम्मीद से कच्चे तेल के भाव को सपोर्ट मिल रहा है। अमेरिका के मजबूत आंकड़ो से भाव को सपोर्ट मिल रहा है। OPEC पुराने उत्पादन पर कायम रह सकता है। US फेड की दर बढ़ोतरी में नरमी की उम्मीद है। 31 जनवरी -1 फरवरी को US फेड की बैठक होगी। 1 फरवरी को US में दरें 0.25% बढ़ने की उम्मीद है।
इस बीच IEA का कहना है कि कच्चे तेल का स्टॉक जून 2021 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर है। चीन इस महीने कड़े COVID-19 प्रतिबंधों में ढील दे रहा है, बीजिंग तीन साल में पहली बार बॉर्डर को फिर से खोल रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि चीन के फिर से खुलने से डिमांड की संभावनाओं को सपोर्ट मिल रहा है। इसके अलावा आगामी OPEC+ JMMC की बैठक पर बारीकी से बाजार की नजर है।
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नेचुरल गैस के उड़े होश
यूएस में नेचुरल गैस 21 महीनों के निचले स्तर पर आ गए है। अमेरिका में नेचुरल गैस की कीमतें $3 से नीचे आई है। जनवरी में अब तक नेचुरल गैस 30% फिसला है । US गैस आज 2.843 डॉलर के निचले स्तर पर पहुंचा है। एमसीएक्स पर नेचुरल गैस जनवरी में 36% तक गिरा है और आज यह 250 के नीचे कारोबार कर रहा है।
नेचुरल गैस में दबाव के कारण
कमजोर मांग के कारण गैस की कीमतें गिरी है। जनवरी 2022 के मुकाबले गैस उत्पादन बढ़ा है। पिछले साल के मुकाबले 8.4% उत्पादन बढ़ा है। IEA का कहना है कि अमेरिका में अनुमान से ज्यादा उत्पादन रहा है।